ममता बनर्जी विपक्षी एकजुटता में खेल रही बड़ा खेल .. 22 को ही आएगी पटना .. क्या है रणनीति ?

ममता बनर्जी विपक्षी एकजुटता में खेल रही बड़ा खेल .. 22 को ही आएगी पटना .. क्या है रणनीति ?
ममता बनर्जी विपक्षी एकजुटता में खेल रही बड़ा खेल .. 22 को ही आएगी पटना .. क्या है रणनीति ?

 NBL PATNA : विपक्षी दलों की 23 जून को पटना में होने वाली बैठक के दौरान देश कई विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों का जुटान होगा. इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे अलग बैठक के एक दिन पहले ही पटना पहुंच रही हैं. सूत्रों का अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जून को पटना पहुंचेंगी. बैठक के एक दिन पहले उनका पटना आना एक बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इसमें जहाँ विपक्ष को एकजुट करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहल कर रहे हैं वहीं ममता बनर्जी भीतरखाने बड़ी रणनीति बना रही हैं.

दरअसल, ममता के 22 जून को पटना आने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अलग-अलग बैठक कर सकती हैं. सूत्रों के अनुसार इसे लेकर पूरी योजना बन गई है. नीतीश कुमार और लालू यादव से अलग अलग होने वाली मुलाकातों में ममता बनर्जी से कई मुद्दों पर चर्चा होगी. ममता बनर्जी का नीतीश और लालू के साथ लंबा सियासी सफर रहा है. अलग अलग समय वे वह केंद्र की सरकारों में दोनों के साथ काम कर चुकी हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के साथ ममता के राजनीतिक संबंध काफी पुराने हैं. 

सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी से जब कोलकाता में नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई थी तब ममता ने ही विपक्षी बैठक को पटना में कराने का सुझाव दिया था. ममता के ठोस आश्वासन मिलने के बाद ही नीतीश कुमार ने अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात की और सबको पटना आने के लिए राजी किया. यानी एक ओर पर्दे के सामने से नीतीश जहाँ विपक्ष को साथ लाने के लिए प्रयासरत थे, वहीं दूसरी और ममता बनर्जी भी विपक्षी एकजुटता के लिए नीतीश को साथ दे रही हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से ममता बनर्जी बैठक के एक दिन पहले ही पटना आ रही हैं और नीतीश तथा लालू से अलग अलग मुलाकात करेंगी. 

दोनों नेताओं संग होने वाली बैठक में मुख्य रूप से जिन मुद्दों पर बात हो सकती है, उसमें विपक्ष के उन दलों को साथ जोड़ने की योजना होगी जो अभी तक इससे दूर हैं. साथ ही कुछ ऐसी सीटें जहाँ दो या उससे अधिक दलों का दावा होगा. केंद्र की मोदी सरकार की उन नीतियों पर चोट करने की योजना जिससे आम लोगों का जीना मुहाल हुआ हो. वहीं प्रधानमंत्री पद के  चेहरे पर विपक्ष की ओर से किसी खास चेहरे को तबज्जो नहीं देने के मसले पर भी अहम बात हो सकती है. 

23 जून को जिन प्रमुख राजनीतिक दलों ने बैठक में शामिल होने की सहमति दी है, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के अतिरिक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप, टीएमसी, राकांपा, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झामुमो, जम्मू-कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं। साथ ही महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी भी आएंगे. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके और केरल के मुख्यमंत्री पिनयारी विजयन भी शामिल हो सकते हैं. साथ ही वामपंथी दलों से सीताराम येचुरी, डी राजा के भी बैठक में आने की संभावना है.