कभी करता था बिहार पुलिस और CRPF की तैयारी,आज IPL में धमाल मचा रहा है बिहार का ये लाल ..
अभी IPL चल रहा है और क्रिकेट का खुमार ऑगऑन पर हावी है । आईपीएल में बहुत सारे बिहार के प्लेयएयर्स भी हैं । इन्ही में से है बिहार के लाल मुककेश कुमार क्रिकेटर मुकेश कुमार आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. गांव की गलियों से निकलकर आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलना मुकेश के लिए आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहतन की और मैदान में घंटों पसीना बहाया. तब जाकर मुकेश कहीं इस मुकाम तक पहुंचे हैं.मुकेश को यहां तक पहुंचाने में उनके पिता का भी अहम योगदान है. जिन्होंने गांव की गलियों से लेकर पास के मैदान में क्रिकेट खेलने वाले बेटे को तराशने के लिए कोलकाता में प्रशिक्षण दिलवाया.आज मुकेश सफलता की जिस ऊंचाइयों पर पहुंचा है, वहां पहुंचना हर क्रिकेटर की तमन्ना होती है. बिहार में क्रिकेट के मान्यता नहीं होने के कारण मुकेश अपने पिता के पास कोलकाता चले गए. यहां से उन्होंने सफलता की सीढ़ी चढ़ी.
बिहार में क्रिकेट के प्रति दिवानगी तो है, लेकिन यहां उस लायक संसाधन मौजूद नहीं है. बिहार क्रिकेट बोर्ड को मान्यता तक प्राप्त नहीं है. जिसके चलते प्रतिभावन खिलाड़ियों को यहां से पलायन करने को मजूबर होना पड़ता है. बिहार से प्रतिभावान खिलाड़ियों का पलायन करने का सिलसिला जारी है. मुकेश से पहले बाबुल, सबा करीम, समर कादरी, केशव कुमार, शाहबाज नदीम, वीर प्रताप, ईशान किशन जैसे क्रिकेटर बंगाल और झारखंड पलायन कर चुके हैं. यही वजह है कि उसी नक्शे कदम पर मुकेश कुमार जैसे प्रतिभावन क्रिकेट खिलाड़ियों को भी चलना पड़ा.
मुकेश के पिता स्व. काशीनाथ सिंह ने टैक्सी चलाते हुए अपने बेटे को क्रिकेट क्लब में प्रवेश दिलवाया था. दाएं हाथ की गेंदबाजी की बदौलत मुकेश ऐसी पहचान बनाई कि टी-20 फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल करने के लिए चयनकर्ताओं को मजबूर होना पड़ा. यही नहीं आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स ने 5.50 करोड़ की बोली लगाकर चयनित कर लिया. मुकेश के दोस्त अनुज कुमार के अनुसार गांव के मंदिर और बड़े तालाब के पास फील्ड था. यहां मुकेश और अन्य दोस्त क्रिकेट खेलते थे. अब यहां बहुत कंस्ट्रक्शन हो गया है. वहीं शुरुआती दिनों के कोच रहे अमित कुमार सिंह की माने तो मुकेश के लिए 2022 वर्ष काफी लकी रहा. टी-20 भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन हो गया. इसी बीच दिल्ली टीम ने उन्हें आईपीएल मैच खेलने के लिए 5.50 करोड़ में बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल कर लिया. मुकेश दाएं हाथ के आउट स्विंग बॉलर है. मुकेश ने तीन साल तक सीआरपीएफ और बिहार पुलिस की तैयारी भी की. लेकिन सफलता उन्हें क्रिकेट के मैदान पर मिली.