पीएम मोदी पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया सवाल --बोले मणिपुर हिंसा पर क्यों नहीं देते .. क्या है रणनीति ?

पीएम मोदी पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया सवाल --बोले मणिपुर हिंसा पर क्यों नहीं देते ..  क्या है रणनीति ?
पीएम मोदी पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया सवाल --बोले मणिपुर हिंसा पर क्यों नहीं देते ..  क्या है रणनीति ?

 मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसाग्रस्त मणिपुर की बात कब करेंगे. पीएम मोदी से यह सवाल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया है. उन्होंने सोमवार मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर तंज कसा है. ललन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आखिर आपके मन की बात में मणिपुर के हित की बात, मणिपुर और देशभर में सामाजिक सौहार्द एवं शांति की बात, युवाओं के हित की बात, महंगाई की बात, बेरोजगारों के हित की बात क्यों नहीं आती है? मणिपुर भारत में ही है, वहां भी डबल इंजन वाली भाजपा सरकार है। महीनों से जो मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. देश के प्रधानमंत्री के मन की बात में यह क्यों नहीं आती... समय निकट है, देश की जनता सब का हिसाब लेगी।

ललन सिंह ने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी डाला है. इसमें लोगों की भीड़ रेडियो दिखाती है. फिर रेडियो को सड़क पर फेंक दिया जाता है और लोग उस पर पैर मारकर तोड़ देते हैं. यह एक प्रतीकात्मक विरोध दर्शाया गया है जिसमें लोगों का गुस्सा पीएम मोदी पर है. पीएम मोदी जो हर महीने के अंतिम रविवार को मन की बात करते हैं वे 3 मई से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के मामले में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. मोदी की चुप्पी पर आम लोगों के गुस्से को दिखाते हुए ललन सिंह ने पीएम मोदी से पूछा है कि मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसाग्रस्त मणिपुर की बात कब करेंगे.

दरअसल, मणिपुर में तीन मई को ये हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के ख़िलाफ़ राज्य के कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय ने रैली निकाली जो बाद में हिंसक हो गई. दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से मतभेद होने के बावजूद राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय शांतिपूर्वक रह रहे थे. लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया जिसका कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय विरोध कर रहे हैं. संयोग से मणिपुर की मौजूदा विधानसभा में 60 में से 40 विधायक मैतेई समुदाय के हैं.

आम लोगों का गुस्सा है कि राज्य में भाजपा को इतनी बड़ी संख्या में बहुमत होने के बाद भी राज्य में इस संवेदनशील मुद्दे पर सही निर्णय नहीं लिया गया. अब तक दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. सैंकड़ों लोग घायल हैं और बड़े स्तर पर हिंसा में सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को नुकसान हुआ है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस मसले पर राज्य सरकार से बात भी की है लेकिन अब तक हिंसा का समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में आम लोगों के साथ ही अब जदयू ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि मन की बात बहुत हो गई आप मणिपुर की बात क्यों नहीं करते. लोग मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बहुत ख़फ़ा हैं. सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा दर्शा रहे हैं. इन सबके बीच ललन सिंह ने भी सीधे पीएम मोदी को निशाने पर लिया है. 

तीन मई को ये हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के ख़िलाफ़ राज्य के कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय ने रैली निकाली जो बाद में हिंसक हो गई. उन्होंने मैतेई समुदाय पर हमले किए. जवाब में मैतेई समुदाय ने भी अपनी बदले की कार्रवाई शुरू कर दी और मैतेई बहुल इलाक़ों में रह रहे कुकी समुदाय के लोगों के घर जला दिए गए और उन पर हमले किए गए. इन हमलों के बाद मैतेई बहुल इलाकों में रहने वाले कुकी और कुकी बहुल इलाकों में रहने वाले मैतेई अपने-अपने घर छोड़कर जाने लगे. इन सबके बीच अब ललन सिंह ने पीएम मोदी की चुप्पी को देश के लिए बेहद गंभीर बताया है.