बिहार में वोटर पुनरीक्षण कार्यक्रम के पुरजोर विरोध में कांग्रेस पार्टी, बिहार से दिल्ली तक छिड़ गई है रार
अब जात पूछकर मतदाता सूची से नाम काटा जाएगा। ये सीधे तौर पर दलित,गरीब, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी और युवाओं को

- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में ECI के फैसले पर बिहार कांग्रेस जमीन से लेकर सोशल मीडिया पर आक्रामक मोड में है।
- कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार में चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इस पूरे कार्यक्रम पर सवालिया निशान खड़ा किया था और कहा था कि ये अलोकतांत्रिक निर्णय है।
- बिहार के बाद दिल्ली में अब इस मुद्दे पर अब प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम फायर मोड में हैं। उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयुक्त से इस मामले पर मुलाकात की है और विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है।
- प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने यह साफ तौर पर कहा है कि अब जात पूछकर मतदाता सूची से नाम काटा जाएगा। ये सीधे तौर पर दलित,गरीब, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी और युवाओं को मताधिकार से वंचित करने का षडयंत्र है।
- प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में बिहार कांग्रेस के इस आक्रामक तेवर ने मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को बिहार में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया है।
- राजेश राम के इस कदम से उन्हें बड़ा फायदा मिला सकता है और वो बिहार में एक बड़े दलित चेहरे के रूप में उभर सकते हैं क्योंकि इस
ECI के इस कदम से लाखों दलित वोटरों का नाम मतदाता सूची से गायब हो सकता है जिसका राजेश राम मजबूती से विरोध कर रहे हैं।