आरा : हीट वेव से इतनी मौत कि दाह संस्कर के लिए कम पड़ने लगी लकड़ियां...

आरा : हीट वेव से इतनी मौत कि दाह संस्कर के लिए कम पड़ने लगी लकड़ियां...

आरा : बिहार में गर्मी के सितम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आरा में पिछले एक सप्ताह से लोग भीषण गर्मी और लू से परेशान हैं. कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. हीट स्ट्रोक की वजह से लगातार लोगों की मौत हो रही है. हालात ऐसे हो गए हैं कि अब चिता जलाने के लिए लकड़ियां भी कम पड़ गईं हैं.

कोरोना में जैसे हालात अस्पताल और श्मशान घाटों पर थे ठीक वैसा ही मंजर बीते 4-5 दिनों से आरा के बड़हरा प्रखंड स्थित महुली गंगा घाट पर देखने को मिल रहा है. एक चिता की आग बुझ भी नहीं पाती है कि दूसरा शव वहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंच जाता है.

बीते 4-5 दिनों में यहां दाह संस्कार के लिए इतने शव आ रहे हैं कि लकड़ी की भी कमी होने लगी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लकड़ी बेचने वालों का कहना है कि अचानक दाह संस्कार के लिए ज्यादा शव आने की वजह से लकड़ियां कम पड रही है.

दावा किया जा रहा है कि तेज गर्मी, हिट वेव और लू की चपेट में आने की वजह से सदर अस्पताल और दूसरे अस्पतालों में 10 से 15 लोगों की मौत हो रही है. जिसके बाद शव जलाने के लिए श्मशान घाट पर लगातार शव पहुंच रहा है. लकड़ी बेचने वालों के अनुसार एक शव जलाने के लिए चार से पांच क्विन्टल लकड़ी की आवश्यकता होती है. पहले एक या दो शव बमुश्किल आता था अब यह आंकड़ा 15 पार हो गया. इसके बाद लकड़ियों की पूर्ति में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिस तरह से अस्पताल में मरीजों की संख्या और वहां हो रही मौत के बाद श्मसान घाट पर चिता बोझे जा रहे इससे यह लग रहा है कि या तो सरकारी आंकड़ों को छुपाया जा रहा है या फिर जो आंख के सामने मंजर दिखाई दे रहा है, वो ग़लत है. महुली गंगा घाट पर चिता को आग देने वाले डोम राजा ने भी बेतहासा हो रही मौत पर मुहर लगाते हुए कहा कि चार पांच दिनों के अंदर यहां इतनी लाशें आ रही है कि एक चिता की आग बुझती नहीं है कि दूसरे चिता में आग दिये जाने की बात आ जाती है. सिलसिला आज भी जारी है.

भोजपुर में तापमान करीब 45 डिग्री तक पहुंच गया है और आग की गोले की तरह बह रही गर्म हवा से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. आरा सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ ऋषि ने बताया कि हर दिन 15 से 20 मौत हो रही है. भीषण गर्मी, लू और हिट वेव के चपेट में आने से सदर अस्पताल समेत जिले के विभिन्न अस्पतालों में प्रति दिन 40 से 50 मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं. जिनमें हीट स्ट्रोक का सिंटम दिखाई दे रहा है.