शराबबंदी के बाद बिहार में बढ़ा ड्रग्स का चलन, बोले एडीजी- बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी...
पटना : बिहार में शराबबंदी के लागू हुए करीब सात साल गुजर चुके हैं। इन सात वर्षों में बिहार में एक ओर जहां शराब पर पाबंदी रही, वहीं राज्य में सूखे नशे का चलन तेजी से बढ़ा है। बिहार में शराब के साथ साथ तमाम प्रकार के नशे के सेवन और बिक्री की सख्त मनाही है, इसके बावजूद सूखे नशे का कारोबार तेजी से बढ़ा है। इससे सबसे अधिक बिहार की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। इस बात की पुष्टि खुद मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने की।
उन्होंने पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शराबबंदी की बाद की स्थितियों की समीक्षा करने पर यह बात सामने आयर है कि बिहार में सूखे नशे का प्रचलन बढ़ा है। नैयर हसनैन खान ने कहा कि बिहार में शराबबंदी 'कानून के लागू होने के बाद लोग सूखे नशे का सेवन करने लगे हैं। इसका शिकार सबसे अधिक युवा हो रहे हैं।
एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि सूखे नशे के कारोबार पर एनडीपीएस लगातार कार्रवाई कर रही है। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भी कार्रवाई कर रही है। गया जिले के बाराचट्टी एवं धनगई क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स डीएफओ से संबंध स्थापित कर जेसीबी ट्रैक्टर के माध्यम से अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने की कार्रवाई होती रही है। फसल वर्ष 2022-23 में अब तक 1289 एकड़ में अफीम के अवैध खेती का विनष्टीकरण किया गया है।
बिहार के साथ-साथ झारखंड के सीमावर्ती इलाके में अफीम की अवैध खेती की जाती है। एनसीबी द्वारा भी अफीम की खेती का विनष्टीकरण किया जाता है। किसानों के बीच स्थानीय प्रशासन के द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है साथ ही किसानों को प्रोत्साहन के लिए मधुमक्खी पालन, सहजन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। युवा पीढ़ी को बचाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत, नेपाल, पश्चिम बंगाल और झारखंड सीमावर्ती इलाके में चौकसी बरती जा रही है और किसी प्रकार की सूचना मिलते ही कार्रवाई की जा रही है। इन क्षेत्रों में सूचना तंत्र को मजबूत कर संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है।
एडीजी ने आमलोगों से अपील की है कि यदि उनके इलाके में भी मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है तो इस बात की सूचना उन तक पहुंचाए। सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी और इस बात की खबर देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि अफीम की अवैध खेती पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है और विनष्टीकरण किया जा रहा है।