आरा : प्राथमिकी में लापरवाही व बदसलूकी में महिला थानाध्यक्ष व चालक सिपाही सस्पेंड...
आरा : शिकायत के बाद भी प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही बरतना और पीड़ित महिलाओं के साथ बदसलूकी करना महिला थानाध्यक्ष और मुंशी का काम करने वाली चालक सिपाही को काफी महंगा पड़ा। एसपी नीरज कुमार सिंह की ओर से दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएसपी मुख्यालय और ट्रेनी डीएसपी की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी की ओर से यह कार्रवाई की गयी है। इसे लेकर एसपी की ओर से गुरुवार को जिला आदेश भी जारी कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार बिहिया थाना क्षेत्र के करजा और बिहिया की रहने वाली दो महिलाओं की ओर से पिछले दिनों एसपी को आवेदन देकर महिला थानाध्यक्ष अंशु कुमारी और मुंशी का काम करने वाली चालक सिपाही पिंकी कुमारी (संख्या 51) पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया गया था। करजा गांव निवासी मनीष कुमारी की ओर से कहा गया था कि आवेदन देने के बाद रुपये लेकर थानाध्यक्ष की ओर से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही थी। बाद में शिकायत करने जाने पर थानाध्यक्ष और चालाक सिपाही द्वारा एक कमरे में ले जाकर सुलह करने का दबाव दिया गया और मारपीट की गयी।
उसी तरह बिहिया की रहने वाली मनीषा कुमारी की ओर से भी महिला थानाध्यक्ष और चालाक सिपाही पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने की शिकायत एसपी से की गयी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी की ओर से मुख्यालय डीएसपी चंदेश्वर पासवान और ट्रेनी डीएसपी अपूर्वा को जांच का आदेश दिया गया। डीएसपी की जांच में दोनों मामलों की शिकायत सही पायी गयी। इसके बाद एसपी की ओर से थानाध्यक्ष अंशु कुमारी और चालक सिपाही पिंकी कुमारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि बिहिया निवासी सोनू वर्मा की पत्नी मनीषा कुमारी की ओर एसपी को आवेदन देकर केस दर्ज नहीं करने की शिकायत की गयी थी। कहा गया था कि बार-बार थाने का चक्कर लगाने और थानाध्यक्ष व मुंशी का काम करने वाली सिपाही पिंकी कुमारी से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। तब मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी द्वारा ट्रेनी डीएसपी अपूर्वा को मामले की जांच करने का आदेश दिया गया।
जांच के क्रम में डीएसपी द्वारा थानाध्यक्ष और सिपाही से अलग-अलग पूछताछ की गयी। उस दौरान थानाध्यक्ष ने आवेदन मिलने से इनकार कर दिया गया। वहीं चालक सिपाही द्वारा बताया गया कि महिला बिहिया पीएचसी का चिकित्सा का स्लीप लेकर आयी थी। उसके पास आवेदन नहीं था। तब उसके पति को कॉल कर थाने में उपस्थित होने को कहा गया था। उस पर डीएसपी द्वारा पूछा गया कि पीड़िता अगर अनपढ़ है, तो उसका किसी आंगतुक या कर्मी से आवेदन क्यों नहीं लिखवाया गया। उस पर थानाध्यक्ष और चालाक सिपाही द्वारा संतोषजनक जबाव नहीं दिया गया।