तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री स्व० एम० करूणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अभिभाषण को तमिल में पढ़ा गया

तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री स्व० एम० करूणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के अभिभाषण को तमिल में पढ़ा गया
तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री स्व० एम० करूणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के अभिभाषण को तमिल में पढ़ा गया

NBL DESK : तमिलनाडु के तिरुवरूर में पूर्व मुख्यमंत्री स्व० एम० करूणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हो सके। आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अभिभाषण को तमिल भाषा में पढ़ा गया। इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव और बिहार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री  संजय कुमार झा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के अभिभाषण का हिन्दी अंश संलग्न है।

आज स्व० कलईग्नर एम० करूणानिधि जी की जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है और इस अवसर पर कलईग्नर कोट्टम" का उद्घाटन का कार्यक्रम रखा गया है। सबसे पहले मैं स्व० एम० करुणानिधि जी को नमन करता हूँ और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है।

इस कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए मार्च में श्री टी० आर० बालू साहब तथा हाल ही में ए० राजा साहब पटना आये थे। स्व० करूणानिधि जी के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर मुझे आमंत्रित किया इसके लिए आप सबको मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ ।

श्रद्धेय करुणानिधि जी मात्र 14 वर्ष की आयु में द्रविडियन आंदोलन से जुड़ गये थे और उसके बाद लगभग 8 दशकों तक सक्रिय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही 50 वर्षों तक वे डी०एम०के० (द्रविडियन मुनेत्र कड़गम) के अध्यक्ष रहे, यह उपलब्धि किसी भी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के नेता के लिए संभव नहीं है।

श्रद्धेय करुणानिधि जी तमिलनाडु में सामाजिक न्याय एवं समानता के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्होंने जीवन भर गरीब एवं पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। गरीब, वंचित तथा पिछड़ों के हित में उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। वे उन करोड़ों लोगों की यादों में बसते रहेंगे जिनके जीवन में उन्होंने बदलाव लाया।

सेल्फ रेसपेक्ट आंदोलन से जुड़े नेता के रूप में वर्ष 1989 में मुख्यमंत्री रहते हुये श्रद्धेय करुणानिधि जी ने सबसे पहले संपत्ति में महिलाओं के समानाधिकार के लिए कानून बनाया तथा सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया । इसी वर्ष उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की एवं महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण हेतु पहली बार तमिलनाडु में स्वयं सहायता समूहों के गठन में अपनी अहम भूमिका निभाई ।

युवावस्था में श्रद्धेय करुणानिधि जी तमिल फिल्मों में पटकथा लेखक के तौर पर कार्य करते थे। तमिल साहित्य एवं संस्कृति में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जायेगा। उनके लेख एवं कहानियों ने द्रविडियन आंदोलन से जुड़ी विचारधारा को विस्तार दिया। श्रद्धेय करुणानिधि जी के आदर्श एवं उनके द्वारा समाज हित में किए गए काम राजनैतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। हम उनको कभी भुला नहीं पायेंगे। मेरी उनसे अंतिम मुलाकात वर्ष 2017 में उनके जन्म

दिवस पर हुई थी। हमारा श्रद्धेय करुणानिधि जी के प्रति बहुत सम्मान है एवं उनकी पार्टी डी०एम०के० से हमारा पुराना लगाव है। वर्ष 1991 में जब लोकसभा में डी०एम०के० के एक भी सांसद नहीं थे और हम जनता दल पार्टी से सांसद थे। जब भी लोकसभा में इनकी पार्टी डी०एम०के० के खिलाफ कोई बात उठती थी तो हम डी०एम०के० पक्ष का समर्थन करते थे।

वर्ष 2017 में श्रद्धेय करुणानिधि जी के जन्म दिवस पर चेन्नई आये थे तो उससे कुछ दिन पहले विधान सभा के चुनाव हुये थे जिसमें डी०एम०के० चुनाव हार गयी थी । उस समय हमने कहा था कि अगली बार डी०एम०के० सत्ता में आयेगी और श्री स्टालिन साहब यहाँ के मुख्यमंत्री बनेंगे। पुनः वर्ष 2018 में जब हम श्रद्धेय करुणानिधि जी को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए थे तो हमने फिर दोहराया था कि श्री एम० के० स्टालिन साहब ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा। बहुत खुशी की बात है कि अब आप मुख्यमंत्री बने हैं और राज्य को बहुत अच्छे तरह से चला रहे हैं।

कुछ दिन पूर्व तमिलनाडु में रह रहे बिहार के मजदूरों पर हमले की झूठी घटना सामने आयी थी और उस समय फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया था कि तमिलनाडु के स्थानीय लोगों द्वारा बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला किया गया है। यह बात हमें न्यूज से पता चला एवं इस संबंध में कुछ लोग हमसे मिलने भी आये। हमने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री श्री स्टालिन साहब से बात की। तमिलनाडु सरकार ने तुरंत इसकी जाँच की और बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा बिहारी मजदूरों की हमले की कोई बात नहीं है ये मात्र अफवाह है। बिहार से भी एक टीम तमिलनाडु भेजा गया था इस टीम ने पाया कि बिहार के मजदूरों पर हमले जैसी कोई बात नहीं है। तमिलनाडु के मुख्य सचिव एवं डी०जी०पी० द्वारा प्रवासी मजदूरों को हर संभव सहायता एवं सुरक्षा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। हम जानते हैं कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूर एवं अन्य लोग अनेक वर्षों से रह रहे हैं और तमिलनाडु के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और हमेशा यहाँ पर बिहारी लोगों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार रहा हैं।

आज हम यहाँ आये हैं और कार्यक्रम में शामिल हुये हैं यह मेरे लिए गर्व की बात है। आप सब अवगत हैं कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गयी है जिसमें डी०एम०के० के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री स्टालिन साहब भाग ले रहे हैं। हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि अगर अधिकांश विपक्षी दल एकजुट होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो अगले लोकसभा में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकेंगे।

मैं इस कार्यक्रम के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री एम० के० स्टालीन, श्री टी० आर० बालू जी, श्रीमती कनिमोली जी एवं ए० राजा साहब तथा धयालू अम्मल ट्रस्ट, चेन्नई का धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मुझे इस अवसर पर बुलाया। मुझे याद है आदरणीय कनिमोली जी वर्ष 2017 में श्रद्धेय करुणानिधि जी के 94वें जन्म दिवस हेतु मुझे आमंत्रित करने आयी थीं। आप सभी को हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

अंत में मैं पुनः महान राजनेता श्रद्धेय करुणानिधि जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ और अपनी बात समाप्त करता हूँ। मुझे विश्वास है कि डी०एम०के० पार्टी, माननीय

मुख्यमंत्री एम०के० स्टालिन जी के नेतृत्व में श्रद्धेय करुणानिधि जी के आदर्शों पर आगे बढ़ती रहेगी।