नीतीश को गुलदस्ता नहीं दे पाए सांसद सुदामा प्रसाद, आरा में अच्छे-अच्छों को कमांडो ने छुड़ाया पसीना...
आरा : सांसद सुदामा प्रसाद से पूछा गया कि आप भी सीएम को देने के लिए गुलदस्ता लेकर खड़े थे? तब इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि हां, बिल्कुल हम खड़े थे। तीन-तीन बार प्रयास किए। लेकिन ठेल कर के बाहर खदेड़ दिया गया हमको। तो ठीक है, कोई बात नहीं है। क्या मान-अपमान का सवाल है। लेकिन ये पांच लाख तीस हजार जिन लोगों ने वोट दिया उन लोगों के अपमान का जरूर सवाल है।
पहली बार सांसद बने सुदामा प्रसाद को इस बात की मलाल रह गया कि उनके क्षेत्र में आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वो गुलदस्ता नहीं दे पाए। ये अफसोस सिर्फ सुदामा प्रसाद को ही नहीं है बल्कि कई विधायक और विधान पार्षद भी उमस भरी गर्मी में हाथों में गुलदस्ता लेकर इधर-उधर पसीना पोंछते दिखे। बाकी एनडीए नेताओं की तो पूछने वाला भी कोई नहीं था। जिनके हाथों से सीएम नीतीश ने गुलदस्ता ले लिया, उनके लिए ये लाइफ टाइम अचिवमेंट से कम नहीं रहा।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को भोजपुर जिले में थे। करीब 56 करोड़ रुपए के दो दर्जन से अधिक योजनाओं की सौगात दी। सुदामा प्रसाद को लगा कि मैं यहां सांसद हूं तो कम से कम अपने जिले में गुलदस्ता देकर सीएम का स्वागत कर दूं। मगर, नीतीश के सामने जाने की उनकी ख्वाब अधूरी रह गई। सांसद सुदामा प्रसाद ने शिकायती लहजे में कहा कि सीएम के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें सीएम से मिलने नहीं दिया और ठेल कर खदेड़ दिया। सीपीआईएमएल नेता और सांसद सुदामा प्रसाद ने पत्रकारों से कहा कि ये जनता का अपमान है।
कुल मिलाकर सांसद सुदामा प्रसाद और दर्जनों नेता सीएम को गुलदस्ता नहीं दे पाए। सुदामा प्रसाद ने मीडिया से कहा कि जनता को ये लोग क्या समझते हैं? जनता का संबोधन या नियंत्रण नेता करता है कि कमांडो करेगा? प्रोटोकॉल है तो ठीक है। आप और एक हजार कमांडो रखिए, 5 हजार सीआरपीएफ के जवान रखिए। लेकिन आप जिनको न्योता देकर बुलाए हैं, एमपी को, एमएलए को या फिर यहां जो गरीब आदमी आए हैं।
यहां बाढ़ का हाहाकार मचा हुआ है। यहां गंगा बांध तोड़ कर शहर की तरफ भाग रही है। गांव को डूबो रही है तो इनका दुखड़ा आप सुनिएगा या नही? ये तो आप सुनेंगे ना? किसानों की क्या स्थिति है? पूरा इलाका जलमग्न हो गया है। इस पर कोई बात नहीं और इस पर कोई चर्चा नहीं। चर्चा तो तब होगी ना जब आप मिलिएगा, बैठिएगा, कहीं 2 मिनट टाइम दीजिएगा। सिर्फ रिमोट दबा देने के लिए आए हैं तो रिमोट तो पटना सीएम हाउस से दबा देते।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को आरा पहुंचे। उन्होंने उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस का उद्घाटन किया। 12 थानों में 20 सीटेड महिला बैरक के निर्माण का शिलान्यास के साथ विभिन्न योजनाओं में लाभुकों को राशि का वितरण किया। इसी बीच योजनाओं का निरीक्षण भी किया है। इस दौरान उन्होंने जिले के बखोरापुर गांव में पंचायत भवन और अस्पताल का उद्घाटन किया।
इन्हीं कार्यक्रमों के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किसी भी जनप्रतिनिधि को उनके कमांडो फोर्स ने आसपास फटकने तक नहीं दिया। यही नहीं, कमांडो फोर्स ने कई जनप्रतिनिधियों को धक्का देकर वहां से हटा दिया। जिसके बाद विधायक, सांसद और एमएलसी सहित अन्य लोगों में नाराजगी देखने को मिली। आरा सांसद सुदामा प्रसाद भी मीडियावालों को अपना दुखड़ा सुना गए।