वोट का अधिकार नहीं होता तो एससी, एसटी, पिछड़ा की कोई पहचान नहीं होती: मुकेश सहनी

वोट की ताकत को संभालकर रखना जरूरी: मुकेश सहनी ‎

वोट का अधिकार नहीं होता तो एससी, एसटी, पिछड़ा की कोई पहचान नहीं होती: मुकेश सहनी

पटना, 10 जुलाई। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने आज वोट के अधिकार को सबसे बड़ा अधिकार बताते हुए कहा कि अगर आज वोट का अधिकार नहीं होता तो एससी, एसटी, पिछड़ा की कोई पहचान नहीं होती। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि इस ताकत को संभालकर रखने की जरूरत है।

‎रोहतास के डेहरी ऑन सोन में आज कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज आपके वोट की ताकत ही थी कि लालू यादव और नीतीश कुमार जैसे लोग मुख्यमंत्री बने। अति पिछड़ा और पिछड़ा जाति के लोग मुखिया बने हैं। यही ताकत है कि जनता से नेता डरते भी हैं।

‎उन्होंने कहा कि आज इसी वोट की ताकत को छिनने की कोशिश की जा रही है। आज प्रधानमंत्री उसी वोट को लूटने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग पर भरोसा है लेकिन वही किसी के कहने पर वोट चोरी करने के इरादे से काम कर रहा है।

‎ वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने  भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज पिछड़ा, आदिवासी, दलित को रोहिंग्या, मुसलमान, बांग्लादेशी बता कर उनके वोट की चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर बांग्लादेशी बिहार में कैसे घुस आए, सरकार को अपने गिरेबान में झाँकने की जरूरत है।

‎उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने में जुटी है। ये लोग संविधान को नहीं मानते हैं। हम लोग जनता के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग भी इस मामले में चुप हैं जबकि इन्हें अपने समाज और अपने भाई के वोट के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ना चाहिए। आज ये लोग पीएम मोदी की गोद में बैठे हैं।

‎उन्होंने लोगों को सचेत करते  हुए कहा कि अगर वोट देने का अधिकार नहीं होगा तो न राशन मिलेगा, न पेंशन मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकिए जो आपके वोट की चोरी करने की कोशिश कर रही है।

‎इस मौके पर पतपुरा पंचायत के मुखिया कलावती देवी, मुखिया प्रतिनिधि सरोज कुशवाहा, समाजसेवी सत्येंद्र कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह और महावीर कुशवाहा अपने समर्थकों के साथ आज वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की।