नीति आयोग की वैठक का बहिष्कार राज्य हित में नहीं---विजय कुमार सिन्हा,आखिर क्या है रणनीति ?

नीति आयोग की वैठक का बहिष्कार राज्य हित में नहीं---विजय कुमार सिन्हा,आखिर क्या है रणनीति ?
नीति आयोग की वैठक का बहिष्कार राज्य हित में नहीं---विजय कुमार सिन्हा,आखिर क्या है रणनीति ?

NBL PATNA:बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार के मुख्यमंत्री का नीति आयोग की वैठक में शामिल नहीं होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह फैसला राज्य हित में नहीं है।

श्री सिन्हा ने कहा कि परंपरा औऱ प्राबधनों को दरकिनार कर राज्य को अनिश्चितता के दलदल में धकेल दिया गया है।राज्य की बित्त और विकास नीति हेतु अहम नीति आयोग के एजेंडा पर काम नहीं करने पर विकास बाधित होगी और खराब वित्तीय स्थिति और जर्जर होगी।संघीय व्यवस्था में राज्य और केंद्र सरकारो को अलग अलग शक्तियां संविधान द्वारा प्रदत्त है।यदि केंद्र सरकार अपनी शक्तियों के अधीन काम काज का निपटारा करती है तो राज्यों का इसमें विरोध पक्षपात पूर्ण है।

श्री सिन्हा ने कहा कि अरबिन्द केजरीवाल नीतीश जी के मार्ग दर्शक बन गये हैं।हाल के दिनों में केजरीवाल का एकाएक सक्रिय होना यह दर्शाता है कि वे अपनी छिपी महत्वाकांक्षा को मूर्त रूप देने के लिए नीतीश कुमार के जगह खुद तथाकथित विपक्षी एकता का सूत्रधार बनना चाहते हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन के बहिष्कार का निर्णय लेने से पूर्व नीतीश जी भूल गए कि बिहार में विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के निमंत्रण पर बारी बारी से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों आये थे।विधानसभा सभा के विस्तारित  भवन और अनक्सी भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री जी ने स्वयं किया था।राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था।अब संसद भवन के उद्घाटन पर वखेड़ा खरा करना इनकी संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में स्थिति भयाबह है। जातीय उन्माद   पैदा कर राज्य को दलदल में डालने की कोशिश की जा रही है।विकास अब प्राथमिकता से हटकर अंतिम पायदान पर खड़ा हो गया है।सरकारी कामकाजों में भरस्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है।जंगलराज बालों के सक्रिय सहयोग से बिहार के विकास की गाड़ी को पटरी से उतार दिया गया है।भाजपा द्वारा इन विषयों को उठाने पर नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।लोकधन का इस्तेमाल निहित स्वार्थ के लिए किया जा रहा है।महागठबंधन के अन्दर से भी कोई यदि जनहित की बात उठाता है तो उन्हें किनारा कर दिया जाता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि यह सारा खेल प्रधानमंत्री बनने का सपना की छटपटाहट में किया जा रहा है।2024 में जब माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे तब इनको लोकतंत्र की धरती बिहार की ताकत समझ में आयेगी।फिर इनको राजनीति से सन्यास का एकमात्र विकल्प बचेगा।