सासाराम मामलें में पुलिस करवाई को धार्मिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण...

सासाराम मामलें में पुलिस करवाई को धार्मिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण...

पटना : सासाराम हिंसा मामलें पर जदयू मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने भाजपा के नेताओं पर जोरदार हमला बोला। मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक के अनुसंधान से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के लोग एक बड़ी साजिश के तहत बिहार के कई हिस्सों में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश में लगे हुए थे। लेकिन बिहार पुलिस की मुस्तैदी और तत्प्रता से उनकी योजना विफल रही। राजनीतिक फायदे के लिए धर्म के नाम समाज को खंडित करना भाजपा का असली चेहरा एक बार बेनकाब हुआ है। भगवान शिव और भगवान राम के नाम पर ये लोग समाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे थे।

नीरज कुमार ने सवाल खड़ा करते हुए भाजपा से पूछा कि बिहारशरीफ हिंसा के सम्बंध में फर्जी ट्वीट के माध्यम से प्रदेश के अंदर भीषण दंगा भड़काने की कोशिश में लगी कविता तिवारी नाम की अज्ञात महिला से भाजपा का क्या रिश्ता है? और आखिर ऐसे उन्मादी और असमाजिक व्यक्ति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से फॉलो क्यों करतें हैं? प्रधानमंत्री कार्यालय को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। बिहार और देश की जनता सब देख रही है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अनुसंधान में भाजपा पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की संलिप्तता उजागर हुआ और उसी के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। हम न किसी को बचाते हैं और न फंसाते है। बिहार में कोई गड़बड़ करने की कोशिश करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। चाहे वो कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। जानकारी देते हुए मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जवाहर प्रसाद पर पूर्व से ही कई संगीन मुकदमें दर्ज है। आदतन अपराधी और चार्जशीट व्यक्ति के पक्ष में धरना देकर भाजपा हिन्दू धर्म को अपमानित कर रही है।

जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सासाराम हिंसा के मामलें में प्रशासनिक करवाई को भाजपा धार्मिक रंग देना चाहती है। भाजपा के लोग तथ्य के विपरीत दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सरकार हिंदुओ पर एकतरफा करवाई कर रही है परंतु हकीकत ठीक इसके विपरीत है। सासाराम हिंसा के सम्बंध में पूछताछ के लिए पुलिस ने 35 लोगो को बुलाया था जिसमें 23 हिन्दू, 10 मुसलमान और 2 सिख समुदाय से थे परन्तु पूछताछ के बाद इनलोगों की कोई संलिप्तता उजागर नहीं हुई और पुलिस ने सबको छोड़ा दिया।

आगे उन्होंने कहा कि दो आरोपी के खिलाफ माननीय न्यायालय द्वारा गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। जिसमें शहनवाज आलम और पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद का नाम था। लेकिन भाजपा के लोग सिर्फ जवाहर प्रसाद के नाम को उछालकर सरकार पर एकतरफा करवाई के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। वहीं प्राथमिक अभियुक्त में अब तक कुल 41 लोगो पर करवाई हुई है जिसमें 17 हिन्दू, 23 मुसलमान हैं। और यह सारी करवाई पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर हुए हैं। बिहार पुलिस पूरी निष्पक्षता तटस्थता के साथ आरोपियों के विरुद्ध करवाई कर रही है। इसको राजनीतिक और धार्मिक चश्में से देखना अनुचित है। अपराधियों का कोई जाति या धर्म नहीं होता। ऐसे लोग सिर्फ समाज के दुश्मन होते हैं।

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने पूछा कि सासाराम घटनाक्रम के दौरान गम्भीर रूप से घायल एक व्यक्ति की बनारस में इलाज के दौरान दुःखद मृत्यु हो गई थी। परन्तु भाजपा शासित उत्तरप्रदेश की पुलिस नियम कानून को ताक पर रखकर उक्त व्यक्ति की मौत सम्बंधित जानकारी को स्टेशन डायरी में अंकित करना भी उचित नहीं समझा। जदयू प्रवक्ता सन्तोष कुशवाहा ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चैधरी अशुभ पगड़ी बांधकर बिहार भ्रमन पर निकले हैं। यही भाजपा का फर्जी हिंदुत्व है।