भाजपा ने साथी दलों के साथ सीट का बटवारा कर लिया है --जानें कौन पार्टी कितने सीट पर लड़ेगी ?
NBL PATNA : लोकसभा चुनाव में मात्र 10 महीने का समय शेष है, ऐसे में बिहार में विभिन्न पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। जहां सात दलों वाली महागठबंधन में मांझी ने साफ कर दिया है कि उन्हें पांच सीट से कम मंजूर नहीं होगा। महागठबंधन की बाकी पार्टियां भी अपने हिस्से की सीट को तैयारी में लगी है।https://youtu.be/IUOrcej3LTU
दूसरी तरफ अब तक अकेली चल रही भाजपा अपने कुनबे में नई पार्टियों को शामिल करने जा रही है। रालोजद, वीआईपी के साथ लोजपा रामविलास और राष्ट्रीय लोजपा भी एनडीए का हिस्सा बनने जा रही है। इन पार्टियों के एनडीए में शामिल होने के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा की बढ़नी तय है।
बताया जाता है कसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी बिहार में कम से कम 32 सीट लड़ने के मूड में है। 2024 के चुनाव में जो समीकरण बनता दिख रहा है उसमें सीट बंटवारे में बात नहीं बनी तो न सिर्फ बीजेपी, बल्कि उनके साथ चिराग, उपेंद्र, पारस, सहनी की पार्टियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा
कहां होगी मुश्किलेंhttps://youtu.be/IUOrcej3LTU
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने अभी तक एनडीए में आने का औपचारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन उनके बात-व्यवहार से यही लगता है कि वो बीजेपी के साथ रहकर ही लड़ेंगे। जीतनराम मांझी की हम अभी महागठबंधन सरकार में है लेकिन सीट पर बात नहीं बनी तो वो पाला बदलकर बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं।
ऐसे में बीजेपी को बिहार में 32 सीट लड़नी है तो उसे चिराग पासवान, पशुपति पारस, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की पार्टियों को 8 सीट में समेटना होगा।जो कि शायद संभव नहीं होगा
बिहार बीजेपी के एक नेता ने कहा कि बीजेपी 2014 में 30 सीट लड़ चुकी है इसलिए 8 सीट में चार नेता नहीं माने तो पार्टी 10 सीट तक छोड़ सकती है। लेकिन 30 सीट से नीचे बीजेपी बिल्कुल नहीं जाएगी। पार्टी की कोशिश रहेगी कि उसके सारे सहयोगी 8 सीट में सेट हो जाएं।
यह हो सकता है बंटवारें का फॉर्मूला
8 सीट में सहयोगी का फॉर्मूला पूछने पर नेता ने कहा कि चिराग और पारस को साथ आकर 4 सीट लड़ने को कहा जाएगा। कुशवाहा और सहनी के लिए बीजेपी ने 2-2 सीट का मन बना रखा है। मांझी ने नीतीश का साथ छोड़ने का फैसला किया तो 1 से 2 सीट उनके लिए भी निकाला जा सकता है।
क्यों बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किल
8 सीट में चार नेताओं के सीटों की डिमांड पूरी होती नहीं दिख रही। चिराग पासवान की खुली शर्त है कि पहले तो उनके चाचा पशुपति पारस को सरकार से हटाया जाए और जहां पारस होंगे वहां वो नहीं रहेंगे। दूसरी बात कि लोजपा को 2019 में 6 सीट मिली थी तो चिराग उससे कम के लिए तैयार नहीं होंगे।
लेकिन बीजेपी को पता है कि मोदी को अपना राम बता चुके चिराग हनुमान बनने के लिए इस बार कम सीट पर भी राजी होंगे क्योंकि चाचा पारस को निपटाने के लिए उन्हें बीजेपी की मदद चाहिए।
उसी तरह उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी से 3 लोकसभा सीट की चाह रखती है। बीजेपी इतना देगी, इसमें शक है। लेकिन 2 लोकसभा सीट और 1 विधान परिषद सीट पर कुशवाहा तैयार हो सकते हैं। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की तरफ से बीजेपी को संदेश दिया गया है कि उन्हें चिराग पासवान से कम सीट नहीं चाहिए। ऐसे में मुकेश सहनी को 2 सीट से मनाना आसान नहीं होगा