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PATNA उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि प्रदेश शिक्षा का गढ़ रहा है यहां कारण है कि बिहार की धरती की गौरवगाथा को आज देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इससे परिचित है। जिसके आगे बढ़ना में वर्तनमान की सरकार भी लगी है। बिहार सरकार आज शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यटन पर विशेष जोर दे रही है ताकी हमारा बिहार और तरक्करी के पथ पर आगे बढ़े और हम एक सशक्त राज्य बनने की ओर आगे बढ़े।
महोदय बढ़ते और बदलते बिहार को को गति देने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है जिसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने मध्यामिक शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूलों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जिसके लिए शिक्षकों की नियुक्ति, बेहतर पठ्यक्रम, समयानुरूप व्यवस्था कर रही है, लेकिन उच्चमाध्यमिक शिक्षा में छात्र-छात्राओं की कुछ समस्याओं देखने को मिल रही है। जिसे विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते आपको अवगत करना, साथ ही छात्रों को हित में कुछ मांगों के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा ने आपसे अपील करता है।
1. प्रदेश में कुल 4 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 8 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, 2 डीम्ड विश्वविद्यालय, 1 बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, 20 राज्य विश्वविद्यालय, 2 केंद्रीय वित्त पोषित प्रतिष्ठित संस्थान और 7 निजी विश्वविद्यालय और 1 बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय हैं। इनमें से अधिकतर विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम सत्र अपने निर्धारित समय से काफी विलंब से संचालित हो रहा है। जिसे निर्धारित समय पर संचालित कराया जाए ताकी बिहार के मेघावी छात्रों को उच्च पढाई के लिए अन्य प्रदेशों की तरफ पलायन नहीं करना पड़े। ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब छात्र और छात्राओं को सत्र बिलंब के कारण आगे की पढ़ाई परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
2. प्रदेश में संचालित कई विश्वविद्यालयों में आज भी छात्र और छात्राओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं नहीं हैं। विद्यालय कैंपस में महिला छात्रों के सुरक्षा की गारंटी, उचित प्रसाधन, कॉमन रुम, महिला छात्रों के लिए लाइब्रेरी, महिला छात्रों के लिए शिकायत केंद्र, विद्यालयों में समय-समय पर कल्चरल प्रोग्राम जैसी व्यस्था हो ताकी छात्रों का विश्वविद्यालय के प्रति रुचि बढ़े और छात्र शिक्षा के लिए अन्य राज्यों की तरफ पलायन ना करें और बिहार में अपने पाठ्यक्रम को पूरा करें।
3. महोदय छात्रों के लिए शिक्षा के साथ ही रोजगार पर भी ध्यान देना अतिआवश्यक है। इस विषय को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार युवा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं चला रही है और युवाओं को शिक्षित कर रही है। हमारी मांग हैं प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में छात्र और छात्राओं के लिए पाठ्यक्रमों के साथ ही कौशल विकास और उससे जुड़े कार्यों के प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए। जैसे विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को ड्राइविंग की शिक्षा दी जाती है तो उनके प्रशिक्षण भी कुशल नेतृत्व में कराया जाए और छात्र/छात्राओं को ग्रेजुएट होने के उपरांत विश्वविद्यालय स्तर से फ्री ड्राइविंग लाइंसेंस भी मुहैया जाए। इतना ही नहीं अगर छात्र कोई और रोजगार करने के इच्छुक हैं तो उन्हें पूर्ण रूप से मदद किया जाए।
4. 'नालंदा विश्वविद्यालय' इस नाम से सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व अवगत है। ये यथार्थ सत्य है कि इस विश्वविद्यालय ने कहीं ना कहीं पूरे विश्व में शिक्षा के सूत्रपात का माध्यम रहा है। इस बात की व्याख्या इस बात से और सिद्ध होती है कि इसकी विश्व प्रसिद्धि से परेशान आक्रंताओं ने अपने आक्रमण से इस यूनिवर्सिटी को छिन्न-भिन्न कर दिया। स्थिति ऐसी है कि विश्वप्रसिद्ध ये विश्वविद्यालय आज भी अपने हालातों पर रो रहा है। इस यूनिवर्सिटी के पुनरुत्थान करने और इसे ऐतिहासिक धरोहर वाली यूनिवर्सिटी घोसित किया जाए। ताकी विश्व में ये संदेश जाए की हम अपनी विरासतों के प्रति कितने सजग है।
5. आक्रंताओं के आक्रमण के कारण 500 सालों तक हमारे प्रभू मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम वनवासी बने हुए थे। देश की संविधान और सरकारों की पहल के कारण आज राम अपने स्वयं के गृह अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में विराजमान हो गए हैं। प्रभु के आगमन के कार्यक्रम की अलौकिक छटा से आप भी अनभिज्ञ नहीं हैं। 500 सालों के लंबे इतजार के बाद आज आप और हमलोग इस दृश्य के साक्षी बने है ये किसी सौभा