पकड़ी बाजपट्टी में हुए हादसे की खबर मिली तो दिल एक पल को थम-सा गया। उस नाज़ुक क्षण में सिर्फ़ एक ही विचार था
पकड़ी बाजपट्टी में हुए हादसे की खबर मिली तो दिल एक पल को थम-सा गया। उस नाज़ुक क्षण में सिर्फ़ एक ही विचार था
जनसेवा पद या पदवी से नहीं, उस क्षण से साबित होती है जब किसी अनजान की पीड़ा आपके दिल में दर्द बनकर उतर जाए।
कठिन परिस्थितियों में खड़े रहना, संकट में किसी का संबल बनना—यही मेरी प्रतिबद्धता है और यही भाव मुझे आगे बढ़ाता है।
पकड़ी बाजपट्टी में हुए हादसे की खबर मिली तो दिल एक पल को थम-सा गया। उस नाज़ुक क्षण में सिर्फ़ एक ही विचार था—एक जीवन को बचाना है, अभी और इसी वक्त।
बिना किसी औपचारिकता, बिना किसी प्रतीक्षा के, घायल युवक को अपनी गाड़ी में उठाकर तुरंत अस्पताल की ओर दौड़ा। हर सेकंड की कीमत समझते हुए बस यही इच्छा थी कि इलाज समय पर मिले और जीवन सुरक्षित रहे।
जनसेवा पद या पदवी से नहीं, उस क्षण से साबित होती है जब किसी अनजान की पीड़ा आपके दिल में दर्द बनकर उतर जाए।
कठिन परिस्थितियों में खड़े रहना, संकट में किसी का संबल बनना—यही मेरी प्रतिबद्धता है और यही भाव मुझे आगे बढ़ाता है।
जहाँ भी जरूरत होगी, मैं हमेशा उसी संवेदना और तत्परता के साथ उपस्थित रहूँगा - ये आपके बेटे, आपके भाई का वादा है।