आरा सदर अस्पताल: ओल्ड OPD का ड्रेसिंग रूम खाक, बाल्टी-लोटा से आग बुझाते दिखे स्टाफ...

आरा सदर अस्पताल: ओल्ड OPD का ड्रेसिंग रूम खाक, बाल्टी-लोटा से आग बुझाते दिखे स्टाफ...

आरा : सदर अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब पुराने ओपीडी भवन के ड्रेसिंग रूम में अचानक आग लग गई। घटना के समय वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया।

मगर, आग लगने के दौरान एक शख्स बाल्टी में पानी लेकर लोटा से पानी छिड़क रहा था। ऐसा लग रहा था कि अस्पताल में आग बुझाने के समुचित इंतजाम नहीं है। अस्पताल में आग की घटनाओं से निपटने के लिए फायर फाइटिंग के लिए गैस के सिलेंडर रखे गए हैं, लेकिन घटना के वक्त एक भी फायर फाइटिंग यंत्र काम नहीं किया। अस्पताल में फायर फाइटिंग यंत्र मात्र शोभा की वस्तु बना हुआ है। फायर फाइटिंग यंत्र काम किया होता है तो आग लगते ही उस पर काबू पाया जा सकता था।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी। आग लगने से ड्रेसिंग रूम में रखा कॉटन और अन्य सामान जलकर राख हो गया। डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने आगे बताया कि ओपीडी भवन में एक पुराना ड्रेसिंग रूम था, जो अब बंद है। उसी में बिजली के तार के शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी।

हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। पूरा डिटेल्स हम लोगों को बाद में पता चल पाएगा। फिलहाल कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है।

सिविल सर्जन ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों की तत्परता की भी सराहना की। जिन्होंने आग बुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों द्वारा काफी तत्परता दिखाई गई। आग लगने के कारण कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। हमारे जो भी स्वास्थ्यकर्मी और अन्य लोग मौजूद थे, उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया है और हम लोगों ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया।

वहीं अस्पताल में आग लगने की सूचना पर पहुंचे अभय विश्वास भट्ट ने बताया कि जैसे ही हम लोगों को आग लगने की सूचना मिली तो हम लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया। हम लोग जहां बैठे हुए थे वहां से भागे दौड़े आग लगने वाली जगह पर पहुंचे। उस समय तक यहां पर कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी नहीं आया था। बाद में सब पहुंचे अस्पताल के उपाधीक्षक तो केवल फोटो खिंचवाने के लिए आए थे। उनको पहले आ जाना चाहिए था। मैनेजर भी बहुत देर तक नहीं थे। डीपीएम मौजूद थे डीपीएम ने खूब मेहनत किया। स्थानीय लोग सामाजिक कार्यकर्ता और स्टाफ ने आग बुझाने में मदद की। उसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी आई और आग पर काबू पा लिया गया।