नकल से रोका तो महिला प्रोफेसर को लड़कियों ने पीटा, कॉलेज से बैन होने पर हंगामा, गेट तोड़कर अंदर घुसे, प्रश्नपत्र छीने...
आरा : आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में बुधवार को पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स गेट तोड़कर अंदर घुस गए। यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परीक्षा हॉल में कॉपियां भी छीनने की कोशिश की गई। सभी स्टूडेंट्स महाराजा कॉलेज के बताए जा रहे हैं।
मंगलवार को परीक्षा में नकल से रोकने पर लड़कियों ने महिला असिस्टेंट प्रोफेसर की पिटाई कर दी। 3 छात्राओं ने मिलकर महिला प्रोफेसर डॉ. शुचि स्नेहा को लात और सैंडल से पीटा। इसके बाद सीढ़ी से धक्का दिया। उन्हें आंख, पीठ, हाथ और गर्दन पर चोट लगी है। तीनों लड़कियों को निष्कासित कर दिया गया है। तीनों तीन साल तक एग्जाम नहीं दे पाएंगी। ये तीनों लड़कियां भी कॉलेज के बाहर अपने साथियों के साथ नारेबाजी कर रही थी।
कॉलेज से बैन हुई छात्राओं का कहना है कि 'सोमवार को हॉल में बैठे छात्रों द्वारा कमेंट और छेड़छाड़ की जा रही थी। जब हम लोगों ने इसका विरोध किया तो वो सभी छात्र जाकर प्रिंसिपल से शिकायत कर दी। इसके बाद मैम ने हम लोगों का मोबाइल छीन लिया और छात्रों के मोबाइल को छोड़ दिया। लड़के भोजपुरी गाने बजा रहे थे।
हमारी शिकायत पर उन लोगों ने कोई एक्शन नहीं लिया गया। जब हम लोगों ने कहा कि मोबाइल सभी परीक्षार्थियों का लीजिए तो मैम ने मेरा हाथ मरोड़ दिया और पिटाई की। उसी दौरान हम तीनों की पिटाई कर दी गई। मैम को हम लोगों ने नहीं मारा है। मैम खुद ही भीड़ के कारण सीढ़ी से लड़खड़ाकर गिर गईं।'
इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए भास्कर की टीम वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय पहुंची। हमने यहां महिला प्रोफेसर के साथ मारपीट वाले दिन ड्यूटी कर रहे साथियों से बात की। हमने महिला प्रोफेसर से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन वो मारपीट के बाद से छुट्टी पर हैं। उन्होंने बताया कि वो बात करने की हालत में नहीं हैं।
महिला प्रोफेसर डॉ. शुचि स्नेहा ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में बताया कि 'सोमवार को सुबह 10 बजे पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा चल रही थी। हॉल में एक छात्रा मोबाइल से नकल कर रही थी। मैंने उससे कहा कि आप ऐसे खुलेआम नकल नहीं कर सकती। इस पर छात्रा ने हंगामा शुरू कर दिया। गाली-गलौज करते हुए मेरे पास आई और हाथापाई शुरू कर दी। जब हमने विरोध किया तो तीनों छात्राएं मेरे साथ मारपीट करने लगीं। मुझे सीढ़ी से धक्का दे दिया।'
महिला प्रोफेसर ने बताया कि 'दूसरे कमरे में तैनात शिक्षक और छात्रों ने बीच-बचाव कर मुझे बचा लिया। इस बीच एक छात्रा वीडियो बना रही थी, नकल कर रही छात्रा और उसके साथ 2 लड़कियों ने उसका मोबाइल तोड़ दिया। मारपीट करने वाली छात्राएं जैन कॉलेज की थीं। जिनका एग्जाम सेंटर महाराजा कॉलेज में पड़ा था।'
वहीं, प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर आलोक रंजन ने पुलिस को 112 नंबर पर फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस को आवेदन सौंपा। मारपीट करने वाली छात्राओं का मोबाइल भी महिला प्रोफेसर के पास था, जिसे प्राचार्य ने पुलिस को सुपुर्द कर दिया।
कुलसचिव डॉक्टर रणविजय कुमार ने कहा कि 'विश्वविद्यालय प्रशासन मारपीट के मामले पर गंभीर है। तत्काल परीक्षा से छात्राओं को वंचित कर दिया गया है। साथ ही अगले तीन साल तक परीक्षा में ये छात्राएं शामिल नहीं होंगी। आगामी परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय ने केंद्रों को निर्देश दिया है कि हर हॉल में दो महिला और दो पुरुष वीक्षकों को रखा जाए।'