बक्सर संसदीय इलाके में राजनीतिक विसात सजने लगी, पोस्टर्स बैनर से पटा शहर से गाँव तक कि सड़के...

बक्सर संसदीय इलाके में राजनीतिक विसात सजने लगी, पोस्टर्स बैनर से पटा शहर से गाँव तक कि सड़के...

बक्सर : समाजसेवी के रुप मिथिलेश पाठक पिछले दो वर्षों में करीब पांच हजार घरों तक जनसम्पर्क और बक्सर संसदीय इलाके के छह विधानसभा में हजारों नुक्कड़ सभा कर समाज कल्याण में अपनी पहचान बनाने में जुटे थे।

इस दौरान बक्सर जनपद में नौजवान युवाओं का बना चुके पँचायत वार्ड संगठन के कार्यकताओ ने 10 जुलाई को महारैली का आयोजन कर संसदीय इलाके के राजनीतिक गलियारे में एक नई बहस छेड़ दी है। अब यह तस्वीर साफ हो गई है कि वे बगैर किसी राजनीतिक दल का झंडा उठाए स्वयं का डंडा गाड़ने के फिराक में हैं। सोमवार को शहर में रैली का आयोजन किया है। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि वे खुद की राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने का मन बना चुके हैं। क्योंकि यह पहला मौका है, जब उनका कोई गैर राजनीतिक कार्यक्रम हो रहा है। 

बक्सर जनपद के शहरी और ग्रामीण इलाके में लगाया गया पोस्टर्स में बड़े व्यवसायी सह समाजसेवी मिथलेश पाठक की बोल्ड तश्वीरें बता रही हैं इस रैली का सच। समाज सेवा में जुड़े रहे मिथलेश पाठक इससे पहले विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने और छोटे-बड़े कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति दर्ज होती रही है। इन चर्चाओं के मध्य उनसे यह जानने का प्रयास किया गया की इस रैली का क्या मकसद है। जबकि वे स्वयं किसी दल से नहीं जुड़े हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसबार लोकसभा चुनाव में दलों के दलदल से अलग बक्सर में एक स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरने की नई क़वायद के रूप में देखा जा सकता हैं ।

बहरहाल सोमवार की रैली बक्सर के राजनीति में लोकसभा कि नाम की रैली चुनावी फिजा सजने की उम्मीद हैं।