आरा : कार्रवाई के बाद भी नहीं थम रहा रेलवे के ई- टिकट का धंधा, 13 माह में 12 दलाल गिरफ्तार....
आरा : आरा शहर समेत भोजपुर के विभिन्न हिस्सों में आरपीएफ की ओर से लगातार छापेमारी व कार्रवाई के बाद भी रेलवे के ई-टिकट का धंधा थमता नहीं दिख रहा है। आरपीएफ इंस्पेक्टर सुमन कुमारी के नेतृत्व में पिछले 13 माह में विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर 12 ई टिकट दलालों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। इसके बाद भी जिले में कई जगह यह धंधा चलने की सूचना है।
बताया जा रहा है कि आईआरसीटीसी से पर्सनल आईडी बनाकर दोगुने दामों पर रेल टिकटों की ब्रिकी कर मुनाफा कमाया जाता है। इससे रेल यात्रियों को मूल्य से अधिक रुपये चुका जेब ढीली करनी पड़ती है । खाकर यह धंधा गर्मी, ईद, होली, दिवाली, छठ और लग्न के मौसम में ज्यादा किया जाता है। बताया जाता है कि दुकानदारों को भी आईआरसीटी से रेल टिकट बनाने की अनुमति है, लेकिन दुकानदार दो नाम से आईडी खोलकर अधिक बना रेल टिकट की कालाबाजारी करने लगते हैं।
छापेमारी के दौरान लाइव टिकट (आने-जाने के लिए वैध) और यूज्ड टिकटों (जिस पर पहले यात्रा हो चुकी है) की बरामदगी होती है। सभी का रजिस्टर पर भी विवरण होता है। दिल्ली साइबर आरपीएफ टीम भी इस धंधे पर निगरानी रखती है और शिकायत मिलने पर उसकी ओर से हाजीपुर को सूचित किया जाता है, जिस पर आरपीएफ की टीम कार्रवाई करती है। इसमें वाराणसी, जयपुर, सिकंदराबाद, कोटा, दिल्ली, मुम्बई सहित कई जगहों का टिकट बरामद किया जा चुका है। इस दौरान लॅपटॉप, मॉनिटर, प्रिंटर, सीपीयू, कीबोर्ड, माउस, मोबाइल और नकदी भी बरामद किया गया है।
कैसे होता है धंध...
दुकानदार (कैफे) रेलवे विभाग से टिकट बनाने के लिए लाइसेंस लेते हैं। लाइसेंस लेने के बाद दुकानदार एक माह में छह टिकट निकाल कर अवैध कारोबार करने लगते हैं। पर्सनल आईडी एक के बदले दो-तीन बना कालाबाजारी करने लगते हैं। मोबाइल आईडी की जांच के बाद खुलासा हो जाता है। छापेमारी में पकड़े जाने पर कार्रवाई होती है।
दुकानदारों को आरआईसीटीसी से रेल टिकट बनाने की अनुमति मिलती है, लेकिन दुकानदार पर्सनल आईडी खोलकर निर्धारित से अधिक रेल टिकट बना कालाबाजारी करने लगते हैं। जांच के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाती है।
(सुमन कुमारी, इंस्पेक्टर आरपीएफ, आरा जंक्शन)