पूर्व पुलिस महानिरीक्षक मो. नुरुल होदा और समाजसेवी इफ्तकार अहमद अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वीआईपी में शामिल हुए, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने दिलाई सदस्यता
- वीआईपी के प्रति लोगों का बढ़ा आकर्षण, सभी जाति और वर्गों का है पार्टी में सम्मान: मुकेश सहनी

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पटना, 16 अप्रैल। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) द्वारा आयोजित मिलन समारोह में आज बड़ी संख्या में युवाओं ने वीआईपी का दामन थाम लिया। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक मो. नुरुल होदा और समाजसेवी इफ्तकार अहमद ने भी आज इस मिलन समारोह में अपने समर्थकों के साथ वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की और नई पारी की शुरुआत की। इन सभी युवाओं ने वीआईपी की नीतियों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
वीआईपी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने पार्टी में आने वाले सभी लोगों की सदस्यता ग्रहण करवाई और पार्टी में स्वागत किया।
इस मिलन समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति, बी के सिंह, सुनील निषाद, अर्जुन सहनी, सुमन सहनी सहित बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
वीआईपी में आने वाले लोगों का स्वागत करते हुए वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि मो. नुरुल होदा और समाजसेवी इफ्तकार अहमद सहित सैकड़ों युवाओं के पार्टी में आने से पार्टी मजबूत हुई है और देश भर में एक संदेश भी गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वीआईपी के प्रति आज सभी लोगों का आकर्षण बढ़ा है, सभी जाति और वर्गों का पार्टी में सम्मान है।
उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि निषाद समाज के लोग वीआईपी को अपनी पार्टी मानते हैं और उसके समर्थन में खड़े होते हैं। लेकिन इस पार्टी में सभी जाति और धर्म के लोग हैं।
'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित मुकेश सहनी ने कहा कि हमें अपनी पार्टी की नहीं बल्कि बिहार के भविष्य और यहां के युवाओं की चिंता है। उन्होंने दोहराया कि बिहार में महागठबंधन बहुत मजबूत स्थिति में है। इस गठबंधन में सीट को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है। सभी पार्टियां अपनी मांग रखी हैं और टेबल में बैठकर सब कुछ तय हो जाएगा।
इधर, पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले मो. नुरुल होदा ने कहा कि मैं अधिकारी था लेकिन अपने राज्य के लोगों के लिए कुछ करना की सोच हमें उद्वेलित करती थी। इसके बाद राजनीति में जाने का फैसला किया। अब पार्टी का चुनाव करने की बात आई तो वीआईपी में जाने का निर्णय लिया। मेरे विचार से किसी बड़े नेता में तीन गुण होना चाहिए: सरल, सुलभ और उपलब्ध। यह तीनों गुण मुकेश सहनी में दिखे, इस कारण इनसे जुड़ने का फैसला किया।
उन्होंने लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि हम लोग सभी मिलकर बिहार को सुंदर करेंगे और अपने समाज के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमान एक है लेकिन इसे भी बांटने की कोशिश की जा रही है।