Pappu Yadav: क्या समर्थकों ने दी थी धमकी? अब पप्पू यादव ने तोड़ी चुप्पी
पप्पू यादव ने फेसबुक पर लाइव होकर कहा कि मैं महाराष्ट्र गया, अभी दिल्ली में हूं
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पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने पुलिस की उस दलील को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें कहा गया कि लॉरेंस विश्नोई के नाम पर मिल रही धमकी को उनके समर्थकों का षडयंत्र बताया जा रहा है। पप्पू यादव ने कहा कि वे किसी से डरते नहीं हैं और सुरक्षा पाने के लिए उनका स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता। उन्होंने सीबीआई जांच की चुनौती दी है
को समर्थकों का षडयंत्र बताने की पुलिस की दलील पर पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भड़क गए। पूर्णिया एसपी कार्तिकेय के शर्मा के इस उद्भेदन पर कि अपने नेता को जेड प्लस सुरक्षा दिलवाने के लिए उनके ही समर्थकों ने यह खेल रचा था, पप्पू यादव ने कहा कि वे किसी से डरते नहीं है और सुरक्षा पाने के लिए उनका स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता।
सरकार में अगर दम है तो वह इसकी सीबीआइ जांच करा ले। केंद्र और राज्य सरकार को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, यह उनके खिलाफ बहुत बड़ा षडयंत्र रचा गया है। जिस व्यक्ति ने यह पुलिस को बताया कि इस साजिश के लिए उसे दो हजार रुपये एडवांस दिया, पुलिस उस रुपये देने वाले को सामने लाए। वे हाईकोर्ट के जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच चाहते हैं।
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने फेसबुक पर लाइव होकर कहा कि मैं महाराष्ट्र गया, अभी दिल्ली में हूं, कोई सुरक्षा है क्या? जिसको मारना है मार देगा। उन्होंने एसपी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। कहा, डीजी साहब से भी पूछना चाहूंगा कि मैंने 29 फोन नंबर धमकी के भेजे हैं।
कभी पाकिस्तान तो कभी मलेशिया से फोन आया था। शुरू में 150 वीडियो भेजे थे। वे 24 फोन नंबर कहां हैं जिनका आज तक पता नहीं किया गया।लगातार जेल से भी मारने की धमकी दी गई, उसका उद्भेदन क्यों नहीं किया गया। फेसबुक लाइव में पप्पू यादव का तेवर आक्रमक था। उन्होंने पुलिस प्रशासन को ललकारते हुए कहा कि ये कुर्सी और सरकार का तगमा नहीं होगा तो क्या पप्पू यादव से लड़ लीजिएगा। पप्पू यादव से बात करने की हिम्मत हैं। इसके पीछे कौन है पता कीजिए। पुलिस वही व्यवहार कर रही है, जो दिवंगत कांग्रेस विधायक हेमंत शाही के साथ किया था। उन्हें गोली लगने पर तत्कालीन सरकार व प्रशासन ने उन पर घायल होने की नौटंकी का आरोप लगाया।
बाद में इलाजरत हेमंत शाही की मृत्यु हो गई। पुन: वही हो रहा है। कहा, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कभी एक शब्द नहीं कहा। पहली बार सीएम बनाने में उनके साथ रहे। कभी-कभी लगता है उस दिन लालू यादव और शहाबुद्दीन जी गोली चलाकर मुझे खत्म कर देते तो अच्छा रहता। इस सरकार में इतनी यातनाएं तो नहीं मिलतीं।